भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) में ऐसे कई खिलाड़ी हुए जो अपने दमदार घरेलू प्रदर्शन की वजह से टीम इंडिया (Team India) में आए लेकिन लंबे समय तक टिक नहीं सके. साईराज बहुतुले (Sairaj Bahutule) एक ऐसा ही नाम है. लेग स्पिनर बहुतुले को 1997 में तब भारतीय टीम में शामिल किया गया था जब दिग्गज अनिल कुंबले चोटिल हो गए थे. बहुतुले को डेब्यू का मौका मिला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ. और ये इनाम था ईरानी ट्रॉफी में किए गए उनके प्रदर्शन का, जिसमें उन्होंने एक मैच में 13 विकेट हासिल किए थे. ये और बात है कि इन दो टेस्ट मैचों में बहुतुले का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और इसके बाद वे टीम इंडिया के लिए कभी भी तीसरा टेस्ट मैच नहीं खेल सके. उन्हीं बहुतुले का आज जन्मदिन है.
साईराज बहुतुले का जन्म 6 जनवरी 1973 को मुंबई में हुआ था. बहुतुले ने भारतीय टीम के लिए 2 टेस्ट और 8 वनडे मुकाबले खेले. टेस्ट में उन्हें 3 विकेट मिले तो वनडे में हाल और बुरा रहा. इस प्रारूप में उनके खाते में 8 मुकाबलों में महज 2 ही विकेट हैं. हालांकि बहुतुले का करियर सिर्फ इतना ही नहीं है, बल्कि उनके साथ जुड़ा है एक पुराना इतिहास भी. उनके खेल की जिंदगी का वो पन्ना जिसमें दर्ज है सचिन तेंदुलकर और उनके दोस्त विनोद कांबली. आइए जानते हैं कि आखिर ये माजरा क्या है.
…जब सचिन और कांबली ने खूब धुना
दरअसल, सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली ने स्कूली क्रिकेट के हैरिस शील्ड स्कूली मुकाबले में शारदाश्रम विद्यामंदिर की ओर से खेलते हुए साल 1988 में 664 रनों की अटूट साझेदारी की थी. कम ही लोग जानते हैं कि उस समय शारदाश्रम विद्यामंदिर की विपक्षी टीम सेंट जेवियर हाई स्कूल में साईराज बहुतुले भी खेल रहे थे. मगर सचिन और कांबली ने उन पर भी जरा रहम नहीं दिखाया और बाकी गेंदबाजों के साथ बहुतुले की भी जमकर कुटाई कर डाली.
इंग्लैंड में टीम को चैंपियन बनवाया
भारतीय टीम के लिए सफलता भले ही बहुतुले से दूर रही हो, लेकिन प्रीमियर डिवीजन में इंग्लैंड की सरे चैंपियनशिप टीम रीगेट प्रायोरी के लिए उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया. लगातार पांच सीजन में इस टीम के लिए खेले और साल 2005 में तो अपने बल्ले और गेंद से कमाल का प्रदर्शन करते हुए टीम को चैंपियन भी बनवाया. बहुतुले ने 1 जनवरी 2013 को प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. जून 2014 में उन्हें केरल क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया. इसके बाद जुलाई 2015 में उन्होंने बंगाल क्रिकेट टीम के कोच पद की कमान संभाली. बहुतुले ने 188 प्रथम श्रेणी मैचों में 6176 रन बनाने के अलावा 630 विकेट भी हासिल किए. वहीं 143 लिस्ट ए मैचों में उन्होंने 1367 रन बनाए और 197 विकेट हासिल किए.
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