Thursday, January 21, 2021

Republic Day 2021 Guest: 72वें गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी के साथ होंगी इस बार ये खास मेहमान, उत्तर प्रदेश से है गहरा नाता


 Republic Day 2021 Guest: इस साल 26 जनवरी 2021 को 20 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार कोई गेस्ट शामिल नहीं होगा। लेकिन इस बार पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली दिव्यांगी त्रिपाठी (Divyangi Tripathi) परेड देखेंगी। ये इस बार की मेहमान होंगी, जो पहली बार किसी पीएम के साथ 26 जनवरी पर झांकी देखेंगी। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इस साल गणतंत्र दिवस पर गेस्ट के रुप में मुख्य अतिथि बनकर नहीं आएंगे।

उत्तर प्रदेख के गोरखपुर की रहने वाली और इस बार की सीबीएसई टॉपर रहीं दिव्यांगी त्रिपाठी (Divyangi Tripathi) को पीएम मोदी के साथ 26 जनवरी की परेड देखने का मौका मिल रहा है। दिव्‍यांगी ने सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में बायोलॉजी में पहला स्थान पाया था। बीती 13 जनवरी को सरकार की तरफ से 26 जनवरी की परेड में शामिल होने वाले मेहमनों को आमंत्रण भेजा था।


बता दें कि दिव्यांगी ने पिछले साल सीबीएसई की परीक्षा में 99.6 फीसदी अंक हासिल किए थे। त्रिपाठी ने सरकार के आमंत्रण पर कहा कि मैं इसे लेकर बहुत उत्साहित हूं। यह सरकार द्वारा शुरू की गई एक बहुत अच्छी पहल है। समाज के सभी वर्गों के छात्रों को बिना किसी भेदभाव के चुना जाता है। आगे कहा कि मुझे इस तरह के निमंत्रण की कभी उम्मीद नहीं थी, मुझे बहुत खुशी हुई है। मुझे लगता है कि यह अन्य छात्रों को भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा। दिव्यांगी ने यह भी कहा कि उनके सभी दोस्त और उनके परिवार वाले उनसे पूछ रहे थे कि जब वो उनसे मिले जाएंगी तो पीएम से क्या बात और योजनाओं के बारे में बात करेंगी। बता दें कि इंदिरा नगर शिवपुरी कॉलोनी में दिव्यांगी रहती हैं और भविष्य में वो एक डॉक्टर बनना चाहती हैं।

Wednesday, January 20, 2021

फिर मिलेंगे: अलीबाबा के जैक मा ऑनलाइन मीट में तीन महीने में पहला लाइव प्रदर्शन करते हैं

चीन के सर्वोच्च-प्रोफ़ाइल उद्यमी के ठिकाने पर सोशल मीडिया की अटकलें इस महीने खबरों में आईं कि उसने एक टीवी शो के अंतिम एपिसोड में उसे न्यायाधीश के रूप में पेश करने से चूक कर दिया, जो कि बीजिंग में उसके व्यापारिक व्यवसाय पर एक नियामक क्लैंपडाउन के बीच था। 24 अक्टूबर से मा सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया था, जहां उसने शंघाई मंच पर एक भाषण में चीन के नियामक प्रणाली को विस्फोट कर दिया, जिसने उसे अधिकारियों के साथ टकराव के पाठ्यक्रम पर सेट कर दिया, जिससे अलीबाबा के $ 37 बिलियन के आईपीओ का निलंबन हो गया। वित्तीय संबद्ध चींटी समूह।

शंघाई: अलीबाबा ग्रुप के संस्थापक जैक मा ने अक्टूबर के बाद से कारोबारी की पहली उपस्थिति में बुधवार सुबह एक लाइव वीडियो मीटिंग के माध्यम से चीन में 100 ग्रामीण शिक्षकों से मुलाकात की, जो ई-कॉमर्स दिग्गज के हांगकांग-सूचीबद्ध शेयरों में तेज उछाल को ट्रिगर करता है।

चीन के सर्वोच्च-प्रोफ़ाइल उद्यमी के ठिकाने पर सोशल मीडिया की अटकलें इस महीने खबरों में आईं कि उसने एक टीवी शो के अंतिम एपिसोड में उसे न्यायाधीश के रूप में पेश करने से चूक कर दिया, जो कि बीजिंग में उसके व्यापारिक व्यवसाय पर एक नियामक क्लैंपडाउन के बीच था।
जैक मा 24 अक्टूबर से सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए थे, जहां उन्होंने शंघाई मंच पर एक भाषण में चीन के नियामक प्रणाली को नष्ट कर दिया, जिसने उन्हें अधिकारियों के साथ टकराव के पाठ्यक्रम पर सेट कर दिया, जिससे अलीबाबा `37 बिलियन डॉलर का आईपीओ निलंबित हो गया। वित्तीय संबद्ध चींटी समूह।

तियानमु न्यूज, झेजियांग ऑनलाइन के तहत एक समाचार पोर्टल, जो प्रांतीय झेजियांग सरकार द्वारा समर्थित है, ने पहली बार सूचना दी थी कि मा ने बुधवार को एक लाइव वीडियो सम्मेलन के माध्यम से शिक्षकों के साथ मुलाकात की थी। अपनी बातचीत के दौरान, मा ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि वे "फिर से मिलेंगे।"

Football Cup 2021: रोनाल्डो ने युवेंटस को दिलाई रिकॉर्ड कामयाबी, नौवीं बार जीता इटैलियन सुपर कप


 मिलान. क्रिस्टियानो रोनाल्डो (Cristiano Ronaldo) के गोल की मदद से युवेंटस (Juventus) ने रिकॉर्ड नौवीं बार इटैलियन सुपर कप (Italian Super Cup) फुटबॉल टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया है. उसने नैपोली (Napoli) को 2-0 से हराकर यह खिताब अपने नाम किया. युवेंटस 2020-21 से पहले 1995, 1997, 2002, 2003, 2012, 2013, 2015, 2018 में यह खिताब अपने नाम कर चुका है.


क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने 64वें मिनट में गोल करके युवेंटस को बढ़त दिलायी. नैपोली के पास मैच को अतिरिक्त समय तक खींचने का मौका था लेकिन उसके कप्तान लोरेंजो इनसाइन आखिरी क्षणों में मिली पेनल्टी पर गोल नहीं कर पाये. अल्वारो मोराता ने इंजुरी टाइम के पांचवें मिनट में युवेंटस की तरफ से दूसरा गोल करके उसकी खिताबी जीत सुनिश्चित की. युवेंटस ने नौंवी बार सुपर कप जीतकर अपने रिकॉर्ड को बेहतर किया है. उसके बाद एसी मिलान का नंबर आता है, जिसने सात बार खिताब जीता है. नैपोली ने सिर्फ दो खिताब जीते हैं. उसने आखिरी बार 2014 में खिताब अपने नाम किया था.

पुर्तगाल के स्टार फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो जब से इटैलियन क्लब युवेंटस से जुड़े हैं, तब से उसकी कामयाबी बढ़ गई है. दूसरी ओर, स्पेनिश क्लब रियाल मैड्रिड अब भी रोनाल्डो की कमी महसूस कर रहा है. रोनाल्डो रियाल मैड्रिड छोड़कर ही युवेंटस में शामिल हुए हैं.

Breaking News: SSR के बर्थडे पर कंगना के किया विश, फैंस ने कहा- शर्म नहीं आती गंध औरत?


 नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (sushant singh rajput) अगर आज इस दुनिया में होते तो आज अपना 35वां जन्मदिन सेलिब्रेट करते। लेकिन निधन के बाद भी वह अपने फैंस के दिलों में एक जगमगाता सितारा बनाकर जिंदा हैं और आज उनके जन्मदिन के खास मौके पर एक्टर के चाहने वालों उनके लिए 'ONE DAY FOR SSR BIRTHDAY' अभियान शुरु किया है जिसके तहत सुशांत के फैंस उनसे जुड़ी अपनी यादों को शेयर कर रहे हैं।

SSR के बर्थडे पर कंगना के किया विश
इस बीच शुरुआत से ही सुशांत के लिए आवाज उठाती आ रहीं बॉलीवुड की धाकड़ गर्ल कंगना रनौत (kangana ranaut) ने भी सुशांत के जन्मदिन पर कुछ ट्वीट्स किए हैं पर शायद सुशांत के फैंस को कंगना का विश करने का तरीका कुछ रास नहीं आया।


Dear Sushant, movie mafia banned you bullied you and harassed you, many times on social media you aksed for help and I regret not being there for you. I wish I didn’t assume you are strong enough to handle mafia torture on your own. I wish ... Happy Birthday dear one #SushantDay

Monday, January 18, 2021

IRL vs UAE: Ireland Player Simi Singh made a history

On 18 jan 2021 (History Created by Simi Singh)

He Bowls 10 over and give just 10 run and took 5 wickets against UAE.

 Simranjit "Simi" Singh is an Indian-born Irish cricketer. In December 2018, he was one of nineteen players to be awarded a central contract by Cricket Ireland for the 2019 season. 

Born4 February 1987 (age 33 years), Sahibzada Ajit Singh Nagar
Last ODI1 August 2020 v England
BowlingRight-arm off break
Last T20I10 March 2020 v Afghanistan

Sunday, January 17, 2021

18 जनवरी: 1911 में पोत पर बनी हवाई पट्टी पर पहली बार उतरा विमान


 नयी दिल्ली, 18 जनवरी :भाषा: आज भले ही विभिन्न देशों के पास विशाल विमानवाहक पोत हैं और युद्ध एवं शांति के समय इनका उपयोग किया जाता है, लेकिन किसी जहाज की छोटी सी पट्टी पर पहली बार विमान को उतारने का श्रेय अमेरिका के पायलट यूजीन बर्टन एली को जाता है। उन्होंने 1911 में 18 जनवरी को पहली बार सान फ्रांसिस्को खाड़ी में खड़े जंगी जहाज पेंसिलवेनिया के उड़ान मंच पर विमान उतारने के जोखिमपूर्ण कार्य को अंजाम देकर अमेरिकी नौसेना के इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर स्थापित किया।

हालांकि 1911 में ही इसी तरह की एक अन्य कोशिश में एली को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। अमेरिका सरकार ने इस असैन्य पायलट की उपलब्धियों को पर्याप्त सम्मान दिया और अमेरिकी कांग्रेस ने उन्हें मरणोपरांत विशिष्ट फ्लाइंग क्रास प्रदान किया। उन्हें अमेरिकी नौसेना में विमानन के विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया।

देश दुनिया के इतिहास में आज की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-

1842 : महाराष्ट्र के महान विद्वान महादेव गोविंद रानाडे का जन्म।

1778 : जेम्स कुक ने 'हवाई द्वीपसमूह' की खोज की और इसे 'सेंडविच आइलैंड' का नाम दिया।

1896 : 'एक्सरे मशीन' का पहली बार प्रदर्शन किया गया।

1911 : सान फ्रांसिस्को खाड़ी में खड़े जंगी जहाज पेंसिलवेनिया के उड़ान मंच पर अमेरिका के पायलट यूजीन बर्टन एली ने पहली बार विमान उतारने का कारनामा अंजाम दिया।

1930 : रवीन्द्रनाथ टैगोर ने महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम की यात्रा की।

1938 : राजनीतिक कैदियों का अंतिम जत्था अंडमान और निकोबार के पोर्ट ब्लेयर से मुख्यभूमि के लिए रवाना हुआ।

1947 : अपने जमाने के मशहूर अभिनेता और गायक कुंदन लाल सहगल का जालंधर में निधन।

1952 : मैसूर के गोपीनाथम में कूस मुनिस्वामी वीरप्पन का जन्म। वीरप्पन को कुख्यात शिकारी, तस्कर और हत्यारे के तौर पर जाना जाता है, जो करीब दो दशक तक कई राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द बना रहा।

1968 : अमेरिका और सोवियत संघ परमाणु हथियारों पर नियंत्रण के लिए एक संधि के प्रारूप पर सहमत हुए।

1976 : फ्रांस ने जासूसी के आरोप में 40 सोवियत अधिकारियों को देश से निष्कासित किया।

1991: इराक के स्कड प्रक्षेपास्त्रों ने इजराइल के दो शहरों तेल अवीव और हाइफा पर हमला किया, जिससे खाड़ी युद्ध में इजराइल के शामिल होने की आशंका बढ़ गई।

1996 : दक्षिण भारतीय सिनेमा और राजनीति के स्थापित हस्ताक्षर नदंमूरि तारक रामाराव का निधन। एक सफल अभिनेता और निर्माता निर्देशक के तौर पर ख्याति अर्जित करने वाले एनटीआर ने तेलुगुदेशम पार्टी की स्थापना की और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

2002 : अमेरिका ने भारत को अत्याधुनिक हथियार देने पर सहमति जताई।

2002 : सियरा लिओन में गृहयुद्ध की समाप्ति की घोषणा। इसमें 50 हजार से ज्यादा लोग मारे गए और करीब 20 लाख लोग बेघर हुए।

2007 : अमेरिकी अधिकारियों ने खुलासा किया कि चीन ने उपग्रह रोधी प्रणाली का सफल परीक्षण किया है। 80 के दशक के मध्य में अमेरिका द्वारा किए गए परीक्षणों के बाद यह इस तरह का पहला परीक्षण था।

Sunday, January 10, 2021

Breaking News: Loan Apps के जरिए हो रही है धोखाधड़ी, SBI ने जारी की चेतावनी, ऐसे करें बचाव

नई दिल्लीः SBI Loan Apps Alert: देश भर के कई शहरों में इंस्टेट लोन देने वाले ऐप्स की बाढ़ आ गई है. कई कंपनियां लोगों को घर बैठे केवल आधार कार्ड और पैन नंबर के बाद छोटे-छोटे लोन मिल जाते हैं. हालांकि इनका ब्याज भी काफी ज्यादा होता है. ऐसे में कई सारी कंपनियां केवल लोगों से ठगी भी कर रही हैं. देश के सबसे बड़े बैंक-एसबीआई ने भी ग्राहकों से इस तरह की ठगी से बचने के लिए चेतावनी जारी की है. इससे पहले आरबीआई ने भी लोगों के लिए चेतावनी जारी की थी.

बैंक ने किया ट्वीट

बैंक ने लोगों को इस तरह की ठगी से बचने की सलाह जारी करते हुए ट्वीट करके कहा है कि 'फर्जी इंस्टेंट लोन एप्स से सावधान! कृपया अनधिकृत लिंक पर क्लिक न करें या एसबीआई अथवा किसी अन्य बैंक की किसी फ्रॉड इकाई को अपना विवरण प्रदान न करें. अपनी सभी वित्तीय जरूरतों के लिए https://bank.sbi पर जाएं'.


ग्राहकों के लिए जारी किए सेफ्टी टिप्स

बैंक ने सेफ तरीके से लोन लेने के लिए ग्राहकों की सुविधा के लिए कुछ टिप्स भी जारी किए हैं. इन टिप्स में बैंक ने कहा है कि सबसे पहले ग्राहक ऐसे किसी भी लोन के ऑफर के नियम और शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ लें. किसी भी संदेह वाले लिंक पर गलती से भी लिंक न करें. डाउनलोड करने से पहले ऐप की प्रमाणिकता की जांच कर लें. फिर भी किसी तरह का लोन लेने के लिए बैंक के पास आए ताकि उनकी जरूरतों का समाधान किया जा सके.

लोन के बहाने हो रहा है फर्जीवाड़ा

Reserve Bank of India (RBI) ने उन सभी लोगों को चेतावनी जारी की है, जिन्होंने किसी अनऑथराइज्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म (Unauthorised Digital Platform) के जरिए या फिर मोबाइल ऐप (Mobile App) से लोन के लिए अप्लाई किया है. अपनी ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में RBI ने कहा है कि, ऐसा देखा जा रहा है कि लोग फटाफट लोन (Instant Loan) पाने के चक्कर में डिजिटल फर्जीवाड़े (Digital Lending Scam) का शिकार हो रहे हैं.

RBI ने कहा है कि लोग ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और मोबाइल ऐप से लोन लेने से बचें जो तुरंत ही आपको बिना पेपरवर्क के फटाफट लोन देने का झांसा देते हैं. इसलिए लोन देने वाली ऐसी कंपनियों के बारे में अगला-पिछला जरूर देखे लें.

ज्यादा ब्याज और छिपे हुए चार्ज होते हैं

रिजर्व बैंक ने कहा कि ऐसी कंपनियां ग्राहकों से ज्यादा ब्याज वसूलती हैं, साथ ही इनमें कई तरह के छिपे हुआ चार्ज होते हैं, जो ग्राहकों को शुरू में पता नहीं होते. फोन के जरिए आपके पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है.

लोग उन बैंकों और गैर वित्तीय वित्तीय कंपनियों से लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जो आरबीआई के पास रजिस्टर्ड हों. इसके साथ वे इकाइयां, जो कानूनी प्रावधानों के तहत राज्य सरकारों द्वारा नियमित हों, कर्ज देने का काम कर सकती हैं. रिजर्व बैंक ने यह भी अनिवार्य किया कि बैंकों और NBFCs की तरफ से डिजिटल कर्ज देने वाले प्लेटफॉर्म्स का संचालन करने वालों को संबंधित वित्तीय संस्थानों का नाम ग्राहकों के सामने साफ साफ पर रखना होगा. रजिस्टर्ड एनबीएफसी के नाम और पते को आरबीआई की वेबसाइट से मिल जाएगा.

 

Remembering India's Second PM Lal Bahadur Shastri on his 55th Death Anniversary

 

Shri Lal Bahadur Shastri was born on October 2, 1904 at Mughalsarai, a small railway town seven miles from Varanasi in Uttar Pradesh. His father was a school teacher who died when Lal Bahadur Shastri was only a year and half old. His mother, still in her twenties, took her three children to her father’s house and settled down there.

Lal Bahadur’s small town schooling was not remarkable in any way but he had a happy enough childhood despite the poverty that dogged him.

He was sent to live with an uncle in Varanasi so that he could go to high school. Nanhe, or ‘little one’ as he was called at home, walked many miles to school without shoes, even when the streets burned in the summer’s heat.

As he grew up, Lal Bahadur Shastri became more and more interested in the country’s struggle for freedom from foreign yoke. He was greatly impressed by Mahatma Gandhi’s denunciation of Indian Princes for their support of British rule in India. Lal Bahadur Sashtri was only eleven at the time, but the process that was end day to catapult him to the national stage had already begun in his mind.

Lal Bahadur Shastri was sixteen when Gandhiji called upon his countrymen to join the Non-Cooperation Movement. He decided at once to give up his studies in response to the Mahatma’s call. The decision shattered his mother’s hopes. The family could not dissuade him from what they thought was a disastrous course of action. But Lal Bahadur had made up his mind. All those who were close to him knew that he would never change his mind once it was made up, for behind his soft exterior was the firmness of a rock.

Lal Bahadur Shastri joined the Kashi Vidya Peeth in Varanasi, one of the many national institutions set up in defiance of the British rule. There, he came under the influence of the greatest intellectuals, and nationalists of the country. ‘Shastri’ was the bachelor’s degree awarded to him by the Vidya Peeth but has stuck in the minds of the people as part of his name.

In 1927, he got married. His wife, Lalita Devi, came from Mirzapur, near his home town. The wedding was traditional in all senses but one. A spinning wheel and a few yards of handspun cloth was all the dowry. The bridegroom would accept nothing more.

In 1930, Mahatma Gandhi marched to the sea beach at Dandi and broke the imperial salt law. The symbolic gesture set the whole country ablaze. Lal Bahadur Shastri threw himself into the struggle for freedom with feverish energy. He led many defiant campaigns and spent a total of seven years in British jails. It was in the fire of this struggle that his steel was tempered and he grew into maturity.

When the Congress came to power after Independence, the sterling worth of the apparently meek and unassuming Lal Bahadur Shastri had already been recognised by the leader of the national struggle. When the Congress Government was formed in 1946, this ‘little dynamo of a man’ was called upon to play a constructive role in the governance of the country. He was appointed Parliamentary Secretary in his home State of Uttar Pradesh and soon rose to the position of Home Minister. His capacity for hard work and his efficiency became a byeword in Uttar Pradesh. He moved to New Delhi in 1951 and held several portfolios in the Union Cabinet – Minister for Railways; Minister for Transport and Communications; Minister for Commerce and Industry; Home Minister; and during Nehru’s illness Minister without portfolio. He was growing in stature constantly. He resigned his post as Minister for Railways because he felt responsible for a railway accident in which many lives were lost. The unprecedented gesture was greatly appreciated by Parliament and the country. The then Prime Minister, Pt. Nehru, speaking in Parliament on the incident, extolled Lal Bahadur Shastri’s integrity and high ideals. He said he was accepting the resignation because it would set an example in constitutional propriety and not because Lal Bahadur Shastri was in any way responsible for what had happened. Replying to the long debate on the Railway accident, Lal Bahadur Shastri said; “Perhaps due to my being small in size and soft of tongue, people are apt to believe that I am not able to be very firm. Though not physically strong, I think I am internally not so weak.”

In between his Ministerial assignments, he continued to lavish his organising abilities on the affairs of the Congress Party. The landslide successes of the Party in the General Elections of 1952, 1957 and 1962 were in a very large measure the result of his complete identification with the cause and his organisational genius.

More than thirty years of dedicated service were behind Lal Bahadur Shastri. In the course of this period, he came to be known as a man of great integrity and competence. Humble, tolerant, with great inner strength and resoluteness, he was a man of the people who understood their language. He was also a man of vision who led the country towards progress. Lal Bahadur Shastri was deeply influenced by the political teachings of Mahatma Gandhi. “Hard work is equal to prayer,” he once said, in accents profoundly reminiscent of his Master. In the direct tradition of Mahatma Gandhi, Lal Bahadur Shastri represented the best in Indian culture.

Friday, January 8, 2021

BREAKING NEWS: वॉट्सऐप की नई पॉलिसी है 'ख़तरे की घंटी', भारत में कोई क़ानून नहीं


 "इफ़ यू आर नॉट पेइंग फ़ॉर द प्रोडक्ट, यू आर द प्रोडक्ट.'' यानी अगर आप किसी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने के लिए पैसे नहीं चुका रहे हैं, तो आप ही वो प्रोडक्ट हैं.

अगर आपने हाल ही में नेटफ़्लिक्स पर आई डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म 'सोशल डाइलेमा' देखी है तो ये बात आप भूल नहीं पाए होंगे.

'सोशल डाइलेमा' में यह बात फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स और ऐप्स के संदर्भ में कही गई थी.

फ़ेसबुक और वॉट्सऐप जैसे प्लेटफ़ॉर्म जिन्हें हम लगभग मुफ़्त में इस्तेमाल करते हैं, क्या वो सचमुच मुफ़्त हैं?

इसका जवाब है-नहीं. ये सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स यूज़र्स के यानी आपके निजी डेटा से अपनी कमाई करते हैं.

वॉट्सऐप बदल रहा है अपनी पॉलिसी

अगर आप 'यूरोपीय क्षेत्र' के बाहर या भारत में रहते हैं तो इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप आपके लिए अपनी प्राइवेसी पॉलिसी और शर्तों में बदलाव कर रहा है.

इतना ही नहीं, अगर आप वॉट्सऐप इस्तेमाल करना जारी रखना चाहते हैं तो आपके लिए इन बदलावों को स्वीकार करना अनिवार्य होगा.

वॉट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी और टर्म्स में बदलाव की सूचना एंड्रॉइड और आईओएस यूज़र्स को एक नोटिफ़िकेशन के ज़रिए दे रहा है.

इस नोटिफ़िकेशन में साफ़ बताया गया है कि अगर आप नए अपडेट्स को आठ फ़रवरी, 2021 तक स्वीकार नहीं करते हैं तो आपका वॉट्सऐप अकाउंट डिलीट कर दिया जाएगा.

यानी प्राइवेसी के नए नियमों और नए शर्तों को मंज़ूरी दिए बिना आप आठ फ़रवरी के बाद वॉट्सऐप इस्तेमाल नहीं कर सकते.

ज़ाहिर है वॉट्स आपसे 'फ़ोर्स्ड कन्सेन्ट' यानी 'जबरन सहमति' ले रहा है क्योंकि यहाँ सहमति न देने का विकल्प आपके पास है ही नहीं.

साइबर क़ानून के जानकारों का मानना है कि अमूमन सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स या ऐप्स इस तरह के कड़े क़दम नहीं उठाते हैं. आम तौर पर यूज़र्स को किसी अपडेट को 'स्वीकार' (Allow) या अस्वीकार (Deny) करने का विकल्प दिया जाता है.

ऐसे में वॉट्सऐप के इस ताज़ा नोटिफ़िकेशन ने विशेषज्ञों की चिंताएँ बढ़ा दी हैं और उनका कहना है कि एक यूज़र के तौर पर आपको भी इससे चिंतित होना चाहिए.

नई पॉलिसी में 'प्राइवेसी' पर ज़ोर ख़त्म

अगर 20 जुलाई 2020 को आख़िरी बार अपडेट की गई वॉट्सऐप की पुरानी प्राइवेसी पॉलिसी में देखें तो इसकी शुरुआत कुछ इस तरह होती है:

''आपकी निजता का सम्मान करना हमारे डीएनए में है. हमने जबसे वॉट्सऐप बनाया है, हमारा लक्ष्य है कि हम निजता के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए ही अपनी सेवाओं का विस्तार करें...''

चार जनवरी, 2021 को अपडेट की गई नई प्राइवेसी पॉलिसी में 'निजता के सम्मान' पर ज़ोर देते ये शब्द ग़ायब हो गए हैं. नई पॉलिसी कुछ इस तरह है:

"हमारी प्राइवेसी पॉलिसी से हमें अपने डेटा प्रैक्टिस को समझाने में मदद मिलती है. अपनी प्राइवेसी पॉलिसी के तहत हम बताते हैं कि हम आपसे कौन सी जानकारियाँ इकट्ठा करते हैं और इससे आप पर क्या असर पड़ता है..."

प्राइवेसी पॉलिसी में क्या बदलाव हुआ है?

फ़ेसबुक ने साल 2014 में 19 अरब डॉलर में वॉट्सऐप को ख़रीदा था और सितंबर, 2016 से ही वॉट्सऐप अपने यूज़र्स का डेटा फ़ेसबुक के साथ शेयर करता आ रहा है.

अब वॉट्सऐप ने नई प्राइवेसी पॉलिसी में फ़ेसबुक और इससे जुड़ी कंपनियों के साथ अपने यूज़र्स का डेटा शेयर करने की बात का साफ़ तौर पर ज़िक्र किया है:

  • वॉट्सऐप अपने यूज़र्स का इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आईपी एड्रेस) फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम या किसी अन्य थर्ड पार्टी को दे सकता है.
  • वॉट्सऐप अब आपकी डिवाइस से बैट्री लेवल, सिग्नल स्ट्रेंथ, ऐप वर्ज़न, ब्राइज़र से जुड़ी जानकारियाँ, भाषा, टाइम ज़ोन फ़ोन नंबर, मोबाइल और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी जैसी जानकारियाँ भी इकट्ठा करेगा. पुरानी प्राइवेसी पॉलिसी में इनका ज़िक्र नहीं था.
  • अगर आप अपने मोबाइल से सिर्फ़ वॉट्सऐप डिलीट करते हैं और 'माई अकाउंट' सेक्शन में जाकर 'इन-ऐप डिलीट' का विकल्प नहीं चुनते हैं तो आपका पूरा डेटा वॉट्सऐप के पास रह जाएगा. यानी फ़ोन से सिर्फ़ वॉट्सऐप डिलीट करना काफ़ी नहीं होगा.
  • नई प्राइवेसी पॉलिसी में वॉट्सऐप ने साफ़ कहा है कि चूँकि उसका मुख्यालय और डेटा सेंटर अमेरिका में है इसलिए ज़रूरत पड़ने पर यूज़र्स की निजी जानकारियों को वहाँ ट्रांसफ़र किया जा सकता है. सिर्फ़ अमेरिका ही नहीं बल्कि जिन भी देशों में वॉट्सऐप और फ़ेसबुक के दफ़्तर हैं, लोगों का डेटा वहाँ भेजा जा सकता है.
  • नई पॉलिसी के मुताबिक़ भले ही आप वॉट्सऐप का 'लोकेशन' फ़ीचर इस्तेमाल न करें, आपके आईपी एड्रेस, फ़ोन नंबर, देश और शहर जैसी जानकारियाँ वॉट्सऐप के पास होंगी.
  • अगर आप वॉट्सऐप का बिज़नेस एकाउंट इस्तेमाल करते हैं तो आपकी जानकारी फ़ेसबुक समेत उस बिज़नेस से जुड़े कई अन्य पक्षों तक पहुँच सकती है.
  • वॉट्सऐप ने भारत में पेमेंट सेवा शुरू कर दी है और ऐसे में अगर आप इसका पेमेंट फ़ीचर इस्तेमाल करते हैं तो वॉट्सऐप आपकी कुछ और निजी डेटा इकट्ठा करेगा. मसलन, आपका पेमेंट अकाउंट और ट्रांज़ैक्शन से जुड़ी जानकारियाँ.

क्या इन सब बदलावों का आपकी रोज़र्मरा की ज़िंदगी में कोई असर पड़ेगा? क्या आप जो मैसेज, वीडियो, ऑडियो और डॉक्युमेंट वॉट्सऐप के ज़रिए एक-दूसरे को भेजते हैं, उसे लेकर आपको सचेत हो जाना चाहिए?

यही जानने के लिए हमने साइबर और टेक्नॉलजी लॉ के विशेषज्ञों से बात की.

'आग के भवँर सी है वॉट्सऐप की नई पॉलिसी'

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और 'वॉट्सऐप लॉ' किताब के लेखक पवन दुग्गल का मानना है कि वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी यूज़र्स को 'आग के भँवर' में घसीटने जैसी है.

बीबीसी से बातचीत में पवन दुग्गल ने कहा, "वॉट्सऐप की नई पॉलिसी न सिर्फ़ भारतीयों की निजता का संपूर्ण हनन है बल्कि भारत सरकार के क़ानूनों का उल्लंघन है."

हालाँकि वो ये भी कहते हैं कि भारत के मौजूदा क़ानून वॉट्सऐप के नियमों पर रोक लगाने में पूरी तरह कारगर नहीं हैं.

उन्होंने कहा, "वॉट्सऐप जानता है कि भारत उसके लिए कितना बड़ा बाज़ार है. साथ ही वॉट्सऐप ये भी जानता है कि भारत में साइबर सुरक्षा और निजता से जुड़े ठोस क़ानूनों का अभाव है."

पवन दुग्गल कहते हैं, "वॉट्सऐप ने अपना होमवर्क अच्छी तरह किया है और यही वजह है कि वो भारत में अपने पाँव तेज़ी से पसारना चाहता है क्योंकि भारतीयों का निजी डेटा इकट्ठा करने और उसे थर्ड पार्टी तक पहुँचाने के लिए उसे किसी तरह की रोक-टोक का सामना नहीं करना पड़ेगा."

कंज़्यूमर्स डेटा का अध्यनन करने वाली जर्मन कंपनी स्टैटिस्टा के मुताबिक़ जुलाई 2019 तक भारत में वॉट्सऐप के 40 करोड़ यूज़र्स थे.

भारतीय क़ानूनों का उल्लंघन है वॉट्सऐप की नई पॉलिसी

पवन दुग्गल कहते हैं कि भारत में न ही साइबर सुरक्षा से जुड़ा कोई मज़बूत क़ानून है, न ही पर्सनल डेटा प्रोक्टेशन से जुड़ा और न ही प्राइवेसी से जुड़ा.

वो कहते हैं, "भारत में एकमात्र एक क़ानून है जो पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन और साइबर सुरक्षा पर कुछ हद तक नज़र रखता है. वो है- प्रोद्यौगिकी सूचना क़ानून (आईटी ऐक्ट), 2000. दुर्भाग्य से भारत का आईटी ऐक्ट (सेक्शन 79) भी वॉट्सऐप जैसे सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए काफ़ी लचीला है."

पवन दुग्गल के अनुसार, वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी आईटी ऐक्ट का उल्लंघन है. ख़ासकर इसके दो प्रावधानों का:

1) इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नॉलजी इंटमिडिएरी गाइडलाइंस रूल्स, 2011

2) इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नॉलजी रीज़नेबल सिक्योरिटी पैक्टिसेज़ ऐंड प्रोसीज़र्स ऐंड सेंसिटिव पर्सनल डेटा ऑफ़ इन्फ़ॉर्मेशन रूल्स, 2011

वॉट्सऐप एक अमेरिकी कंपनी है और इसका मुख्यालय अमेरिका के कैलीफ़ोर्निया राज्य में स्थित है. वॉट्सऐप कहता है कि यह कैलीफ़ोर्निया के क़ानूनों के अधीन है.

वहीं, भारत के आईटी ऐक्ट की धारा-1 और धारा-75 के अनुसार अगर कोई सर्विस प्रोवाइडर भारत के बाहर स्थित है लेकिन उसकी सेवाएँ भारत में कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन पर भी उपलब्ध हैं तो वो भारतीय आईटी ऐक्ट के अधीन भी हो जाएगा.

यानी वॉट्सऐप भारत के आईटी एक्ट के दायरे में आता है, इसमें कोई शक नहीं है. दूसरी बात, वॉट्सऐप भारतीय आईटी ऐक्ट के अनुसार 'इंटरमीडिएरी' की परिभाषा के दायरे में आता है.

आईटी एक्ट की धारा-2 में इंटरमीडिएरीज़ को मोटे-मोटे तौर पर परिभाषित किया गया है, जिसमें दूसरों का निजी डेटा एक्सेस करने वाले सर्विस प्रोवाइडर्स शामिल हैं.

आईटी ऐक्ट के सेक्शन-79 के अनुसार इंटरमीडिएरीज़ को यूज़र्स के डेटा का इस्तेमाल करते हुए पूरी सावधानी बरतनी होगी और डेटा सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी उसी की होगी.

पवन दुग्गल कहते हैं कि अगर वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी और शर्तों को देखें तो ये कहीं से भी आईटी एक्ट के प्रावधानों पर खरी नहीं उतरतीं.

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'वॉट्सऐप को रोकने के लिए फ़िलहाल कोई क़ानून नहीं'

साइबर और टेक्नॉलजी लॉ मामलों की विशेषज्ञ पुनीत भसीन कहती हैं कि वॉट्सऐप जो कर रहा है, वो कुछ नया नहीं है.

उन्होंने कहा, "वॉट्सऐप के पॉलिसी अपडेट सहमति पर हमारी नज़र इसलिए जा रही है क्योंकि ये किसी न किसी रूप में हमें अपनी नीतियों की जानकारी दे रहा है और हमसे सहमति माँग रहा है. वरना लगभग हर ऐप बिना हमारी मंज़ूरी के हमारा निजी डेटा एक्सेस कर लेते हैं."

पुनीत भसीन भी मानती हैं कि भारत में प्राइवेसी से सम्बन्धित क़ानूनों का अभाव है इसलिए वॉट्सऐप के लिए भारत जैसे देशों को टारगेट करना आसान हो जाता है.

ब्राज़ील के लोगों के लिए वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी

जिन देशों में प्राइवेसी और निजता से जुड़े कड़े क़ानून मौजूद हैं, वॉट्सऐप को उनका पालन करना ही पड़ता है.

अगर आप ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि वॉट्सऐप यूरोपीय क्षेत्र, ब्राज़ील और अमेरिका, तीनों के लिए अलग-अलग नीतियाँ अपनाता है.

इसकी यूरोपीय संघ (ईयू) और यूरोपीय क्षेत्रों के तहत आने वाले देशों के लिए अलग, ब्राज़ील के लिए अलग और अमेरिका के यूज़र्स के लिए वहाँ के स्थानीय क़ानूनों के तहत अलग-अलग प्राइवेसी पॉलिसी और शर्तें हैं.

वहीं, भारत में यह किसी विशेष क़ानून का पालन करने के लिए बाध्य नज़र नहीं आता.

पुनीत भसीन कहती हैं कि विकसित देश अपने नागरिकों की निजता को लेकर बहुत गंभीर रहते हैं और उनके क़ानूनों में दायरे में रहकर काम न करने वाले सर्विस प्रोवाइडर्स या ऐप्स को प्ले स्टोर में ही जगह नहीं मिलती.

वो कहती हैं, "वॉट्सऐप के ज़रिए अगर किसी के निजी डेटा का गंभीर दुरुपयोग हो जाए तो वो अदालत में मुक़दमा ज़रूर कर सकता है और इस मामले में आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई भी हो सकती है लेकिन वॉट्सऐप को लोगों के सामने डेटा को लेकर अपनी शर्तें रखने से रोके जाने के लिए फ़िलहाल देश में कोई क़ानून नहीं है."

कैलीफ़ोर्निया के लोगों के लिए वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी

'अपना फ़ैसला लोगों पर थोप रहा है वॉट्सऐप'

सुप्रीम कोर्ट में वकील और साइबर क़ानून विशेषज्ञ डॉक्टर कर्णिका सेठ का भी मानना है कि वॉट्सऐप का यूज़र्स पर अपनी एकतरफ़ा नीतियों को थोपने का फ़ैसला चिंताजनक है.

उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा, "अभी हमारे देश में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल लंबित है और उससे पहले ही वॉट्सऐप का ये क़दम उठाना परेशानी में डालने वाला है."

पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल में कई कड़े और प्रगतिशील प्रावधान हैं जो लोगों की निजी जानकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं.

यूरोपियन संघ के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (जीडीपीआर) की तर्ज़ पर प्रस्तावित इस विधेयक में नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सज़ा और मुआवज़े का प्रावधान रखा गया है.

डॉक्टर कर्णिका के मुताबिक़, "अब चूँकि वॉट्सऐप इस बिल के पास होने से पहले ही अपनी पॉलिसी बदल रहा है, ऐसे में बिल पास होने के बाद इस पर बहुत ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा. वॉट्सऐप पहले ही लोगों का निजी डेटा स्टोर, प्रोसेस और शेयर कर चुका होगा."

वो कहती हैं, "क्या लोगों से उनकी निजी जानकारी माँगी जा सकती है और अगर हाँ तो उसका किस-किस तरह इस्तेमाल किया जा सकता है? भारत में इन सवालों का जवाब देने वाला कोई क़ानून अभी मौजूद नहीं है. ऐसे में वॉट्सऐप की नई नीतियों और शर्तों को देखकर लगता है कि देश में कड़े प्राइवेसी और डेटा प्रोटेक्शन की बहुत ज़रूरत है."

निजता का अधिकार और निजता की सुरक्षा: सरकार को क्या करना चाहिए?

पवन दुग्गल, पुनीत भसीन और कर्णिका सेठ, ये तीनों विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि सरकार को वॉट्सऐप और निजता को प्रभावित करने वाले ऐसे दूसरे मामलों में तुरंत दख़ल देने की ज़रूरत है.

पुनीत भसीन के अनुसार, "भारत में अब भी ज़्यादातर क़ानून वही हैं जो सैकड़ों बरस पहले अंग्रेज़ों ने बनाए थे. कुछेक क़ानूनों में थोड़ा-बहुत संशोधन करके बाक़ियों को हम आज भी वैसे का वैसे इस्तेमाल कर रहे हैं."

वो कहती हैं, "मारपीट, हत्या और डकैती...ये ऐसे कुछ अपराध हैं जिनकी प्रकृति आमतौर पर नहीं बदलती लेकिन चोरी और धोखाधड़ी जैसे अपराधों की प्रकृति तकनीक के विकसित होने के साथ-साथ तेज़ी से बदल रही है. ऐसे में हमारे क़ानूनों को भी उतनी ही तेज़ी से बदलने की ज़रूरत है."

पुनीत भसीन कहती हैं, "आज के ज़माने में हमें डायनमिक क़ानूनों की ज़रूरत है. ख़ासकर, साइबर और तकनीक से जुड़े क़ानूनों की तो नियमित समीक्षा होनी चाहिए. सरकार को इसके एक अलग समिति ही बना देनी चाहिए."

न सिर्फ़ जनता बल्कि सरकार और लोकतंत्र को भी ख़तरा

भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 में पुट्टुस्वामी बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया मामले में अपने ऐतिहासिक कहा था निजता का अधिकार हर भारतीय का मौलिक अधिकार है. अदालत ने इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 यानी जीवन के अधिकार से जोड़ा था.

पवन दुग्गल कहते हैं, "भारतीय संविधान के अनुसार देश के हर नागरिक को न सिर्फ़ जीवन बल्कि गरिमापूर्ण जीवन का मौलिक अधिकार है. लेकिन क्या सरकार अपने नागरिकों के इस मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए कोई क़ानून बना रही है? हमें इस सवाल का जवाब सरकार से पूछना होगा और सरकार को भी इसका जवाब देना होगा."

कर्णिका सेठ कहती हैं कि लोगों की निजी जानकारियों और डेटा के ख़तरे में पड़ने से न सिर्फ़ उनकी ज़िंदगी पर असर पड़ेगा बल्कि ये सरकार और लोकतंत्र के लिए भी ख़तरनाक है.

2019 में इसराइली कंपनी पेगासस ने कैसे वॉटसऐप के ज़रिए हज़ारों भारतीयों की जासूसी की, ये सबके सामने है. साल 2016 के अमेरिकी चुनावों में फ़ेसबुक का कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल भी किसी से छिपा नहीं है.

हाल के कुछ दिनों में भारत में भी फ़ेसबुक की भूमिका पर सवाल उठे हैं. ऐसे में जब वॉट्सऐप फ़ेसबुक के अधीन है और यह सार्वजनिक तौर पर फ़ेसबुक और इससे जुड़ी कंपनियों से यूज़र्स का डेटा शेयर करने की बात कह रहा है तो इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए

Indian Air Force Recruitment 2021: भारतीय वायुसेना में करियर बनाने वाले युवाओं के लिए सुनहरा मौका, इस तारीख से कर सकेंगे आवेदन


 नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना में करियर बनाने वाले युवाओं को शानदार मौका है. एयरफोर्स ने ग्रुप 'X 'और ग्रुप' Y 'ट्रेड्स में एयरमेन के पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है. जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार इन पदों के लिए आवेदन 22 जनवरी 2021 से स्वीकार किए जाएंगे. चलिए इसके बारे में विस्तार से जान लेते हैं.

IAF एयरमेन महत्वपूर्ण तिथियां:
ऑनलाइन आवेदन शुरू होने की तिथि - 22 जनवरी 2021 सुबह 10 बजे से
ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि - 07 फरवरी 2021 शाम 5 बजे तक

ऑनलाइन परीक्षा की तिथि - 18 अप्रैल से 22 अप्रैल 2021

IAF एयरमेन रिक्ति विवरण:
ग्रुप 'X' और ग्रुप 'Y 'ट्रेड्स में एयरमैन

फिजिकल एलिजिबिलिटी और उम्र सीमा:
इंडियन एयरफोर्स के इन पदों पर केवल वही कैंडिडेट आवेदन कर पाएंगे, जिनकी लंबाई 152.5 सेंटीमीटर या इससे ज्यादा है. वही सीना भी 5 सेंटीमीटर तक एक्सपेंड करने वाले लोग ही फिजिकल टेस्ट में पास हो पाएंगे. उम्मीदवार का न्यूनतम वजन 55 किलोग्राम होना अनिवार्य है. इन पदों के लिए 16-01-2001 से 29-12-2004 के बीच जन्मतिथि वाले कैंडिडेट ही आवेदन कर पाएंगे.

जरूरी योग्यता:
X ग्रुप के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के 12वीं में गणित, फिजिक्स और अंग्रेजी विषयों के साथ कम से कम 50% अंक होना अनिवार्य हैं. 50% अंकों के साथ 3 साल के पॉलिटेक्निक डिप्लोमा प्राप्त कर चुके छात्र भी इसमें अप्लाई कर सकते हैं. वहीं Y ग्रुप के लिए आवेदन करने वालों के 12वीं में अंग्रेजी विषय के साथ कम से कम 50% अंक होना अनिवार्य हैं. 2 साल के वोकेशनल कोर्स वाले छात्र भी इसमें अप्लाई कर सकते हैं.

IAF एयरमैन भर्ती 20201 के लिए आवेदन कैसे करें?
पात्र और इच्छुक उम्मीदवार 22 जनवरी से 07 फरवरी 2021 तक www.airmenselection.cdac.in या www.careerindianairforce.cdac.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

Wednesday, January 6, 2021

Elon Musk Beats Bill Gates In Net Worth, Becomes World's 2nd Richest Person!


 he Covid-19 induced 2020 has been catastrophic for not just people on singular levels but also industry sectors and companies all over the world.

However, things haven't been going as down graph for tycoon Elon Musk and his different company verticals.

On November 17, Musk overthrew Facebook founder Mark Zuckerberg to take third place among the richest people in the world.

Now, just a week later, as Musk's Tesla's stock rose by about 6.58% on Monday, to close at $521.85, Musk's net worth soared by $7.2 billion to reach $127.9 billion, thus surpassing Microsoft founder Bill Gates and officially becoming the 2nd richest person in the world.

Musk Portrays Most Impressive Jump in the List of World's Richest People

According to Bloomberg Billionaires Index , which ranks the world's 500 richest individuals, Elon Musk held the 35th position in January 2020.

Bloomberg has also reported that about 3/4th of Musk's wealth is contributed by Tesla's shares.

Thanks to a surge of nearly 500% in Tesla's share prices, Musk's wealth ascended by USD 100 billion, in just this year alone. This makes him the fastest growing individual among the list of world's 500 richest people.

Tesla's Admirable Climb

Last year, Tesla was trading at just $67 a share. Now, as mentioned already, its share price values at $520, which hemispheres a +35.2% gain in November, and +526.9% gain this year.

Also, as countries like the UK and India work towards transcending heavily into electric vehicles by 2030, along with countries all over the globe taking on and increasing demand on EVs, analysts believe that Tesla will soon achieve a sweeping value of $1000, per share.

Additionally, as Tesla will be entering the S&P 500 on December 21, 2020, becoming the biggest new entrant in the group's history, this will further boost the company's marks, hence possibly fueling Musk's position.

Now, the only person standing between Musk and the richest person title is Amazon founder Jeff Bezos.

Breaking News : Virat Kohli Return in ODI Series..?

 Virat is Back in ODI Squad Against South Africa..!  Well you all know recently Virat Kohli is not in good touch with his batting and He ne...